जंगल के हम हैं फूल

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** जंगल के हम हैं फूल’ सदा हँसते और लहलहाते हैं ना हमें खाद की जरूरत, ना हमें ही नित पानी चाहिए बिना किसी देखभाल के, दिखते हैं कितने सुन्दर। जंगल के हम हैं फूल… ना किसी का संरक्षण, ना ही किसी का दुलार फिर भी हम जी लेते हैं, अपनी … Read more

वृक्षारोपण

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वृक्षारोपण का नाम सुनते ही आज सूर्य की पहली किरण से ही नर्सरी में छोटे-छोटे पौधों के बीच हँसी-ठिठौली और खलबली मची हुई थी। फूलों के छोटे-छोटे पौधे आपस में अपनी खुशी जाहिर कर रहे थे। एक पीला गुलाब का पौधा कह रहा था-“हम कितने खुश नसीब हैं कि हमें … Read more