वसीयत:पत्र बेटी के नाम
कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** मेरी प्यारी बेटी,इस छोटे से पत्र में आज अपनी जिन्दगी भर की धरोहर लिख रही हूँ। इसमें वो कानूनी कागजों का तमाम खुलासा नहीं,लेकिन मेरे जीवन के चलचित्रों का वर्णन है।जो सिर्फ और सिर्फ मेरी धरोहर है,जिसे मैंने अपने कलेजे में पाला है,अपनी पलकों तले आँखों का काजल बना सजा के रखा,अपनी … Read more