हिन्दी को अपनाकर देखो

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** हिंदी दिवस स्पर्धा विशेष……………….. माँ की लोरी गा कर देखो, हिंदी को अपना कर देखो। बिना दांत के कोमल शिशु-सा, थोड़ा तो तुतला कर देखो। भरती जो मानवता मन में, थोड़ा हिंदी गा कर देखो। सूरदास की ब्रज भाषा में, बंसी जरा बजा कर देखो। तुलसी की अवधी बानी … Read more

किसी को मिलती मलाई,किसी को बासी भात नहीं..

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** आज यहां क्या लोकतन्त्र है! कुछ कहने की बात नहीं है। जो जितना पाये ले जाये, मुझे कोई आघात नहीं है। किसी को मिलता दूध-मलाई, किसी को बासी भात नहीं है॥ लोकतंत्र में जनमत की कुछ, ताक़त,या औकात नहीं है! सर्दी ठिठुर-ठिठुर कर बीती, क्या कुचले! जज्बात नहीं हैं! … Read more

भोले भंडारी आ जाओ

लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** भोले भंडारी आ जाओ, प्रभु नौका पार लगा जाओ। प्रभु लोभ,मोह,मद,माया को, दो,ज्ञान सुधा इस काया को प्रभु हम से दूर भगा जाओl प्रभु नौका पार लगा जाओll जो विषम भाव मेरे मन हो, हों विलग,तो पावन,तन-मन हो। उसमें समरसता भर जाओ। प्रभु नौका पार लगा जाओll हर पल … Read more