नज़र
प्रेमा नड़ुविनमनी धारवाड़(कर्नाटक) ******************************************************************* मेरे सपनों के महलों में, रखना तुम कदम एक बार। तेरे होंठ से होंठ मिलाकर मैं चूम लूँ जरा, मेरे सपनों की दुकान से मैं कौन-सा तोहफा ले आऊँ,दूँ तुम्हें ? सपनों को तो तुमने ही बेचा, तेरे सामने है सब फीका। सजन सपनों से दूर होकर, मेरे दिल में बसना … Read more