कोई सिला न मिला…

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** क्या कहूँ, ज़िंदगी को वफाओं का कोई सिला न मिला। बेवफा दुनिया में, बेवफाई का सिलसिला ही मिला। तमाम उम्र भटकता रहा,खुशियों की तलाश…

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