उमंग
डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* उड़े फागुन के रंग, मन में भरी उमंग खेले बंधुओं के संग, गुलाल उड़ाइयेll पीकर ठंडाई भंग, मस्ती में बजाए चंग मिल-जुल खेलें सभी, उमंग बढ़ाइयेll दिल में उमंग उठी, चाल हुई अटपटी राग-द्वेष भूलकर, रंग बरसाइयेll अँखियां रही है बोल, खुशियां रही है घोल तन-मन उमंग है, प्रेमरंग पाइएll … Read more