सुनो,खुद को खो दो…

निशा निइ्क ‘ख्याति’दिल्ली *************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. सुनो,खुद को तुम खो दो मेरे हो के,मैं सब-कुछ भूल जाऊँ तुम्हें याद करके। बाँहों में तुम्हारी जब आऊँ तो बात कोई और ना हो,तुम मेरी निगाहों में जब आओ तो दृश्य कोई और ना हो। आँसू जो मेरे छलके तो पोंछने वाले हाथ तुम्हारे … Read more

फागुन आया

निशा निइ्क ‘ख्याति’ दिल्ली ******************************************************************** अब तो फागुन आया पिया इश्क़ का रंग लगा दे मुझे, अम्बिया पे चढ़ गये मंजर वो इश्क़ का जाम पी आया। क्यों इस क़दर तूने मुझे सताया क्यों इतना बेपरवाह दिखाया, जब जाती हूँ खेतों से अहरारी भी हँसती है। ले के फूल मोहबत के खुद पे इतराती है, … Read more