सुनो,खुद को खो दो…
निशा निइ्क ‘ख्याति’दिल्ली *************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. सुनो,खुद को तुम खो दो मेरे हो के,मैं सब-कुछ भूल जाऊँ तुम्हें याद करके। बाँहों में तुम्हारी जब आऊँ तो बात कोई और ना हो,तुम मेरी निगाहों में जब आओ तो दृश्य कोई और ना हो। आँसू जो मेरे छलके तो पोंछने वाले हाथ तुम्हारे … Read more