अब तो संवैधानिक रुप से सिंहासन पर बैठाओ

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* हिंदी जानती है उसे सतत् बहते रहना है, बहते-बहते ही उसे यहाँ अक्षुण्ण रहना हैl मर जाते हैं लोग वो जो जड़ से टूटे हों, कर निज भाषा सम्मान जिंदा रहना है…ll १४ सितम्बर,हिन्दी दिवस के लिए उसके सम्मान के लिए समर्पित तारीख। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने भी कहा है कि … Read more