बाल साहित्य लेखन एवं चुनौतियाँ

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** बालक किसी भी देश,समाज,संस्कृति का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति की पूंजी होता है। बच्चों में हमारा भविष्य दिखाई देता है। वे कल की उम्मीद बंधाते हैं। बालक ईश्वर की बनाई वह अनुपम कृति है,जिससे कायम है जीवन धारा,संस्कृति और शाश्वत मूल्य। बालक जितने सुकोमल होते हैं,उतने ही जिज्ञासु … Read more