सोचा ना था

विजय लक्ष्मी राय ‘विजया’*********************** काव्य संग्रह हम और तुम से सफर जिंदगी का होगा इतना आसां सोचा ना था,यूँ ही मिलोगे तुम औ दिल खो जाएगा सोचा ना था। निहारोगे इस कदर मोहब्बत से कि हम डूब ही जाएँ,कि चाहत का सिला होगा इतना प्यारा सोचा ना था। मुरीद हैं आशिकी के तुम्हारी पर कम … Read more