तू शक्ति का आधार

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** नारी जगत जननी तूने कितनों को, जीवन का वरदान दिया फिर क्यों वही पुरुष, तेरे ही जीवन का अपमान किया…। ऐ नारी तेरी परिभाषा का क्या बखान करुँ, तू जननी का पूरा आधार है सच कहूँ तो तू कोमल भी… पर अपनों के लिए तू शक्ति का आधार है…। … Read more

सरस्वती वीणा वादिनी माँ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** सरस्वती वीणा वादिनी माँ, अमृत मय रस जग भरें। मधुर-मधुर वाणी मधुमय कर, कंठों राग कर्णप्रिय धरे। देदे दृष्टि वह अनंत मुझको, देखूं आदि और अनंत को। कल्पना में गूँजें सवाल कुछ, मिले जवाब शीघ्र मुझको। तेरी कृपा से धनी हम हुए, कलमें पस्तकें रंग गयीं। ऐसा रंग मसि … Read more

मौज वाले दिन

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… माँ बड़े दिन की कब लगेंगी छुट्टियां, इंतजार में बेकरार देखो बेटे-बेटियां। खुशगवार मौसम की खुशनुमा सौगात है, यीशु के जन्म दिवस पर सबको प्रेम उपहार है। चर्च में प्रार्थनाओं के मेले लगते हैं, कैंडल की जगमग से भागे चमकते हैं। इन्हीं छुट्टियों … Read more

तुलसी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** तुलसी,तुलसी क्यों भये ? थी रत्नावलि-सी नार, रत्ना जैसी विदुषी ने नैना दियो उघारl सर्प पकड़ चढ़ आये जब रत्ना जी के द्वार, बोली धिक-धिक नाथ कियो हाड़-माँस से प्यारl करो प्रेम गर राम से हो जाओ भव पार, तुलसी ने उस दिन से ही मोड़ ली जीवन धारl … Read more

माँ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हो जिसके पैरों तले ‘स्वर्ग’ धरती-सी सहनशीलता जिसमें समाती है, खुद भूखा रहकर जो,बच्चे को खिलाती है गीले बिस्तर की तरफ सोकर, बच्चे को सूखे की ओर सरकाती है इतनी महान हस्ती जिसका हम, विशेष दिवस मनाएं पूजनीया,आदरणीया केवल माँ कहलाती हैl चाहे वह धरती … Read more