सबसे हँस के बोलिये
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** रखते हैं उर में सदा, माया का जंजाल। उर को रीता राखिए , आयेंगे गोपाल॥ जग में ऐसे भागते, घूमें जैसे बैल। लेकिन सुख पाया नहीं, थे सपनों के शैल॥ पिय के हिय में हो छुपी, पिया हृदय की बात। ऐसी पावन नेह में, नित होता प्रभात॥ सबसे हँस के … Read more