किसान की जीवटता

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’ चंदौली(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. अवसान वर्षा रित बढ़ता तुषार, ठिठुरती सांझ ओझल उदित सांध्य गीत की मधुर ध्वनि, सिमटती स्वर्णिम यामिनी की…

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सृष्टि है नारी 

रामनाथ साहू ‘ननकी’  मुरलीडीह(छत्तीसगढ) ************************************************************* नारी नहीं तो कुछ नहीं,          नारी नरों की खान है। नारी हँसे तो जग हँसे,          आँसू झरे…

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