क्या हश्र हुआ !

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* उनका प्यार पाने की मेरी कोशिशों का कुछ ना हुआ, मेरी मौत पर कहा-लग ही गयी,आखिर बददुआ। मुझे भी करना ही पड़ा,फिर शुक्रिया अदा उनका,…

0 Comments

ऐसी क्या गलती की…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिये तो बहुत थे पर, जल कुछ और रहा था। अंधरे में रोशनी, वो ही कर रहा था। अब कैसे पता करें हम ? जिक्र जब…

0 Comments

ये पागल कौन मुआ है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* जो भी जी चाहे वो मिल जाये,ऐसा भी कहीं हुआ है हवा भी हवा हो जाती है,जिसने तो सबको छुआ हैl राख हो जाती है…

0 Comments

कुछ तो कमी रहेगी

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ हर नामी में कुछ कमी तो रहेगी, आँखें थोड़ी-सी शर्माती रहेंगीl जिंदगी को आप कितना भी संवारिये, बिना हमारे कोई-न-कोई कमी तो रहेगीll खाली हाथ आप…

0 Comments

सम्मान दो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ होगा जहां अपनों में स्नेह प्यार, खिल जायेंगे वो,घर और परिवार। दोगे यदि माता-पिता को,तुम सम्मान, तो निश्चित ही,पाओगे अपार प्यार॥ महक जायेंगे वो,घर और परिवार,…

0 Comments

घर में आई नन्हीं परी

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ मेरे घर आई एक,नन्हीं-सी परी, साथ ही खुशियां भी लाई,वो घर में अनेकl मेरे घर आई एक,नन्हीं-सी परीll दादा-दादी की,वो लाड़ली है, नाना-नानी की भी,वो दुलारी…

0 Comments

खत मेरे इजहार के

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* नाच नाचा जब नचाया,गीत गाये प्यार के चीर के दिल जख्म दिखाये,इश्क की मार के, कोई तो होगा जतन,जो करूं मैं आखिरी कम नहीं होते…

1 Comment

दिल से कब मिलोगे

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ प्यार का रंग अब चढ़ाने लगा है, दिल अब मेरा भी मचलने लगा है। न जाने अब कब,मुलाकात होगी, और हमारे प्यार की शुरुआत होगीll दिल…

0 Comments

गाँव और शहर की यादें

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ कैसे भूलूँ मैं,बचपन अपना, दिल दरिया और,समुंदर जैसा। याद जब भी आये वो पुरानी, दिल खिल जाता है बस मेराl और अतीत में खो जाता हूँl…

0 Comments

क्यों मुझे तोड़ा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* किसी चाह में,अनजान राह में पड़ा रहा मैं बनकर पत्थर, कोई कदरदान,लेगा मुझे पहचान तराश देगा मुझको थोड़ा। पर सब पाषाण,बन गये महान जब उस…

0 Comments