अपनों से मिलन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ मिलवाना था अपनों से, तभी तो हमें-तुम्हें इस संसार में लाया है। किये होंगे पूर्व जन्म में कुछ अच्छे कर्म हमने, तभी तो आप जैसे, यार…

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खूबसूरत है कश्मीर

दीपा गुप्ता ‘दीप’ बरेली(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** इस बार होली पर कहीं बाहर घूमने के लिए बच्चे काफी से दिन कह रहे थे काफी समय से सपरिवार कहीं बाहर जाना नहीं…

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मौत जिंदगी से मरती है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* शायद यह सही कहा है,किसी गरीब के दिल ने यंहा मौत मंहगी है और जिंदगी सस्ती होती है, गगनचुंबी आलीशान,अट्टालिकायें खड़ी है जहां उनके पीछे…

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व्यथा दर्शन:मोबाईल का गुम होना और नींद का खोना

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** मोबाईल का सभी के पास होना अनिवार्य हो गया। जीवन की आश्यकताओं में मोबाईल भी शामिल हो ही गया। पुराने समय में चिठ्ठी-पत्री कबूतर,और धीरे-धीरे…

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दिल की धड़कन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिल ने धड़कना छोड़ दिया है, जबसे गए हो तुम दूर मुझसे। तब से नाम के सहारे जिन्दा हूँ, मैं डर गया हूँ तेरी वफ़ादारी से॥…

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क्यों होली बे-रंग

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* होली के नहीं रहे हैं,वह पहले जेसै रंग, हर बार हो रही है यह होली क्यों बेरंग। कुछ स्ट्राइक हुई,पर अभी कई आतंकी, मनाते हैं…

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प्यार का सन्देश

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ रेत पर नाम लिखाने से क्या होगा, क्या उसको संदेशा तुम दे पाओगे। जब वो आये यहां पर घूमने को, उसे पहले कोई लहर आ जायेगी।…

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ये कैसी मोहब्बत

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों…

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कवि होना इतना आसान नहीं

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* आदमी का कवि होना इतना आसान नहीं होता कभी नहीं होती जमीं,कभी आसमां नहीं होता, ठहाके लगते हैं तुम्हारे,उसकी कही बातों पर लिखने में वह…

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समर्थन

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** 'विधवा' शब्द कहना कठिन, उससे भी कठिन अँधेरी रात में श्रृंगार का त्याग, श्रृंगारित रूप का 'विधवा' में विलीन होना... जीवन की गाड़ी के पहिये…

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