मेरे कान्हा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** जन्माष्टमी विशेष…… कन्हैया बाजे,जो तेरी बासुंरिया,सुध-बुध खो बैठी,मैं बावरियानाचूँ मैं और नचाए तू कान्हा,मैं तो तेरी हो गयी हूँ साँवरिया। जमुना-सी लहरें उठें हैं,मन में,भूली बिसूरी भटकूं हूँ,वन मेंमत तरसा,दरश दिखा मोहन,यूँ तो बसा है तू कण-कण में। ना भाये मुझे मोर की कुहू-कुहू,पपीहा की ना भाये पीहू-पीहूकानों में बजती है … Read more