तेरे काबिल नहीं
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** बार-बार क्यों आ जाते हैं,तेरी महफ़िल में इल्म तो इतना है कि हम तेरे काबिल नहीं हैं, मुस्कराकर अदाओं से दिल बहलाओ तो भी- इन छुपे डाकू-लुटेरों से भी हम गाफिल नहीं हैं। भूले से ना समझ लेना तेरे दर पर खड़े हैं जो दीवानों की फेरहिस्त में,हम शामिल नहीं … Read more