पक रही है कविता

श्रीमती संतोष श्रीवास्तव भोपाल (मध्यप्रदेश)  *********************************************************************** कविता जिंदगी की, अनिवार्य जरूरत हैl वह सुनती है, आत्मा की आवाज देखती है…l निर्दयी,निर्मम आतंक से एक ही पल में मिटते, पृथ्वी को दी हर बन्दे के रूप में ईश्वर की सबसे बेशकीमती सौगात कोl बंदूकों की होड़ बमों का जखीरा, आत्मघाती धमाकों से ढेर हुई इंसानियत कोl … Read more

नारी अब अबला नहीं

संतोष भावरकर ‘नीर’  गाडरवारा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** नारी मर्यादा की मूरत है, करुणामई जिसकी सूरत है बहिन का अनमोल प्यार है, पत्नी के रूप में संसार है। नारी को न समझो, तुम अब कोमल जो हर समस्या का, पल में करती है हल। हर क्षेत्र में है वो आगे, दुश्मन भी उससे डर के भागे कभी दुर्गा … Read more

देश के वीरों

संतोष भावरकर ‘नीर’  गाडरवारा(मध्यप्रदेश) *********************************************************** देश के वीरों का हम, सब करते आह्वान हैं। होता स्वदेश पर हर, भारतवासी कुर्बान है। चकाचौंध भरी धरा,  दृष्टि रखते हम विशाल सुख-वैभव तज,पंत पर, सदा होता ध्यान है। परिवर्तन की आंधी का, उदघोष लिए अब मानव ही करता नित-नित, नए उत्थान है। वीरों उठो दृढ़ प्रतिज्ञा कर,  दिल … Read more