दीवानगी

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** दीवानगी में हाय ये क्या कर चुके हैं हम।ख़ुद अपने दिल से आप दग़ा कर चुके हम। शर्तें लगा-लगा के रक़ीबों से आप के,करनी न थी जो,वो भी ख़ता कर चुके हैं हम। मन्ज़िल हमें मिले न मिले ‘ग़म नहीं मगर,रहबर ‘से अपनी राह जुदा कर ‘चुके हैं हम। इस ‘दिल … Read more

ह़ुस्ने ‘सीरत’

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** ह़ुस्ने ‘सीरत पे जो भी मरते हैं।कब ‘वो सूरत की ‘परवा करते हैं। नाज़ ‘करती है रात भी उन ‘पर,जो दीए तीरगी को हरते हैं। राहे ह़क़ पर हैं गामज़न जो भी,ग़ैर ‘मुन्सिफ़ को वो अखरते हैं। लाख होते हैं तजरिबे उन पर।डूब कर लोग जो ‘उभरते हैं। छोड़ कर ख़ुदपसंद … Read more