दिन ख़ुशी के आयेंगे
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कहने को आप कह' दें के अम्न-ओ-अमान है।खौफ़-ओ-ख़तर के साए में चुप हर ज़ुबान है। घेरे हुए हैं आज हमें ग़म तो क्या हुआ,दिन फिर ख़ुशी…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कहने को आप कह' दें के अम्न-ओ-अमान है।खौफ़-ओ-ख़तर के साए में चुप हर ज़ुबान है। घेरे हुए हैं आज हमें ग़म तो क्या हुआ,दिन फिर ख़ुशी…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** प्यार के क़िस्से हमारे जिन ख़तों में क़ैद हैं।ख़त वो सारे अब हमारी फ़ाइलों में क़ैद हैं। बोलबाला जुर्म का है मुजरिमों की 'भीड़ है,कौन कहता…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** आपके दिल से दिल क्या मिला हीरिए।लुत्फ़ जीने में आने लगा हीरिए। ख़ार भी फूल लगने 'लगे बाख़ुदा,हो 'न जाना कभी आप 'मुझसे जुदा।मिलते ही आपसे…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** रश्के 'जन्नत बनाएँ यह पर्यावरण।आओ हम सब 'सजाएँ यह पर्यावरण। इस 'धरा को सजाएँ 'चलो हर तरफ़।पेड़-पौधे लगाएँ 'चलो हर तरफ़।पानी हरगिज़ बहाए न बेजा कोई,यह…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** मुहब्बत किसको कहते हैं कोई पूछे तो बतलाएँ।के चाहत किसको 'कहते हैं कोई पूछे तो बतलाएँ। नज़र' जब से मिली उस 'से अजब-सा हाल है दिल…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** प्यार 'में ख़तरा नहीं होता किसी नुक़सान का।यह ही तो सौदा है जग में दोस्तों फ़ैज़ान का। फूल कलियाँ माहो अन्जुम या के हो यह कहकशाँ,कोई…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** आशिक़ लिख 'दे पगला लिख दे।लेकिन अपना शैदा 'लिख दे। प्यार 'का कोई रुक़्क़ा लिख दे।मैसेज हमको अच्छा 'लिख दे। जैसा चाहे वैसा लिख दे।झूठे को…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** दीवानगी में हाय ये क्या कर चुके हैं हम।ख़ुद अपने दिल से आप दग़ा कर चुके हम। शर्तें लगा-लगा के रक़ीबों से आप के,करनी न थी…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश)**************************** रोशनी में हुए तीरगी के शिकार।हम हुए फिर तिरी मुख़बिरी के शिकार। जो हुए हैं 'तिरी बेरुख़ी के शिकार।हो गए लोग वो 'ख़ुदकुशी के शिकार। दुश्मनों…