मन का कवि शांत-सा
सविता सिंह दास सवि तेजपुर(असम) ************************************************************************* पता है, इन दिनों कुछ लिख नहीं पा रहीl रूठ गए हैं शायद, ये फूल,पौधे पहाड़,नदियाँ, धरा,अम्बर सबl कोई संवाद, नहीं कर रहा सब मौन हैंl और मेरी संवेदनाएँ, उन्हें क्या हुआ क्यों किसी पीड़ित या, निरीह के लिए द्रवित नहीं हो रहीl क्यों भावनाएँ, चूक रही है उभरते-उभरते, दम … Read more