संघर्ष

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ये जीवन एक संघर्ष है, इससे हार नहीं मानो। कदम-कदम है एक चुनौती, इससे लड़ने की ठानो॥ विघ्न और बाधाओं से जो, कभी नहीं घबराता है। जीवन की कठिन परीक्षा में, सफल वही हो पाता है॥ जब तक ये अपना जीवन है, बाधाओं का अंत नहीं। जीवन राह भरी काँटों … Read more

चंद्रघंटा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* चंद्रघंटा देवी माता सौम्य शांत रूप भाता अलौकिक स्वरूप है श्रद्धा से मनाइए॥ सिंह की सवारी करे हाथों में शस्त्रास्त्र धारे सिर अर्द्धचंद्र घंट स्वरूप निहारिए॥ स्वर्णिम रूप है प्यारा सारी दुनिया से न्यारा वरदान देती है माँ ज्योत को जलाइए॥ भक्तों को निर्भय करे दुष्टों का संहार करे करे … Read more

ब्रह्मचारिणी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ब्रह्मचारिणी देवी माँ, नवदुर्गा रूप है माँ भक्तों को वर देती माँ, भक्ति हमे दीजिये॥ जप माला दाएं हाथ, कमंडल बाएं हाथ करती है घोर तप, दर्शन तो दीजिये॥ माँ दुर्गा का दूजा रूप, साधारण है स्वरूप लगता है तेज पुंज, शक्ति हमें दीजिये॥ करे जो ध्यान इनका, होता उद्धार … Read more

‘हिंदी’ करे हिन्द का कल्याण

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* अपनी है मातृभाषा भारत की राष्ट्रभाषा, हिंदी है सबको प्यारी इसे अपनाइए॥ हिन्द की है शान यह वतन का मान यह, हमें इसपे गर्व है प्रयोग में लाइये॥ करे हिन्द का कल्याण रखे सबका ये ध्यान, अभिमान हमारा है इसे ना भुलाइये॥ मिली हमें ये सौगात संस्कृत इसकी मात, मस्तक … Read more

शिक्षक राष्ट्र निर्माता

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* शिक्षक दिवस विशेष………….. शिक्षक होता भाग्य विधाता, वही राष्ट्र निर्माता है। अन्धतमस में ज्योतिकिरण भी, वही हमें दिखलाता हैll जीवन को देता नई दिशा, राह हमें दिखलाता है। मन से वह अज्ञान मिटाकर, ज्ञान रश्मि फैलाता हैll गुरू बिना कोई ज्ञान नहीं, जीवन सफल न हो पाता। चाणक्य न होते … Read more

संकटमोचक गणपति

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* सिद्धिविनायक उमासुत,हे भूपति विघ्नेश। विघ्नविनाशक गदाधर,सबके काटो क्लेश॥ वक्रतुण्ड हे चतुर्भुज,भुवनपती अवनीश। मूषकवाहन गजानन,देवे सिद्धि कवीश॥ बुद्धिप्रिय हे महेश्वर,यशस्कर यज्ञकाय। विश्वराज हे विश्वमुख,मोदक तुमको भाय॥ मंगलमूर्ति देवव्रत,महाबली गजराज। सिद्धिदाता प्रथमेश्वर,बुद्धिमान सरताज॥ प्रथमपूज्य महागणपति,लंबोदर गणराज। एकदंत हे गौरिसुत,सकल सँवारो काज॥ संकटमोचक हे अमित,मृत्युंजय ओंकार। रुद्रप्रिय हे विश्वमुख,पूजे सब संसार॥ बुद्धिविधाता विघ्नहर,क्षेमंकरी … Read more

हे कृष्ण पुनः अवतार धरो

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. जग से अधर्म मिटाने को, दुनिया को धर्म सिखाने को अज्ञान का तम हरने को, ज्ञान प्रसारण करने को अब पाञ्चजन्य उदघोष करो, हे कृष्ण पुनःअवतार धरो। शासक को नृप नीति सिखाने, अबला नारी की लाज बचाने शांति और सदभाव बढ़ाने, मानवता का पाठ पढ़ाने फिर … Read more

नारी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* नारी प्रथम गुरु है सृष्टि उससे शुरू है सृष्टा की आद्या सृष्टि है स्त्री का मान कीजिए। नारी है देवी का रूप नारी के है नाना रूप वात्सल्य का सागर है इसे मान दीजिए। नारी जगत जननी नारी संताप हरणी नारी सहनशीला है उसे मान दीजिये। नारी शक्ति नारी भक्ति … Read more

सुधर जाओ वरना,सब पछताएंगे

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* पानी की मची है त्राहि पृथ्वी भी है गरमाई, शुद्ध पर्यावरण हो तब ही जी पाएंगेll मिट गई हरियाली जंगल हो गए खाली, वन्य प्राणियों के लिए जंगल बचाएंगेll प्रदूषण कम करें जीवन में श्रम करें, पर्यावरण के लिए वृक्षों को लगाएंगेll जल पवन शुद्ध हो न धरा ताप वृद्ध … Read more

अहंकार

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* दर्प कभी ना कीजिये, करता जीवन नाश। धारण करे विनम्रता, सदाचार का वास॥ अहंकार किसका करे, देह न अपनी होय। साथ नहीं कुछ जायगा, अंत अकेला होय॥ नश्वर देह आत्म अमर, मिथ्या है संसार। समझ लीजिये तत्त्व यह, जीवन का यह सार॥ अहं भाव को त्यागकर, होता निरहंकार। उसी मनुज … Read more