बन जाओ अनमोल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* ग़म है,पीड़ा,है व्यथा,पर है सुख भी साथ।जो जैसा चिंतन करे,आता वैसा हाथ॥ खुशियाँ मिलती हैं बहुत,तकलीफ़ें भी संग।जीवन के दो रूप हैं,होते हैं दो रंग॥ वैसे जीवन को कठिन,माने है इनसान।कभी-कभी यह सत्य है,पर जीवन वरदान॥ जीवन का निर्माण कर,मानव बने महान।तप जाए जब आग में,तब मानव भगवान॥ जीवन के … Read more

दीप पर्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. दीप कर रहे वंदना,सदा रहे उजियार।हर घर नित खुशहाल हो,दूर भगे अँधियार॥ दहरी पर आकर रमा,करती रहीं पुकार।पर गृहस्वामी ने नहीं,किया उचित सत्कार॥ रोशन है बस्ती,नगर,आलोकित हर गाँव।उल्लासों के संग ही,पाता है सुख ठाँव॥ है गृहलक्ष्मी पूज्या,सम्मानित हर नार।अंतर के आनंद से,जगमग है संसार॥ घर में … Read more

शरदोत्सव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं;हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। ज्‍योतिष के अनुसार पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया … Read more

विजयादशमी पर्व है अहंकार की हार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** विजयादशमी पर्व है,अहंकार की हार।नीति,सत्य अरु धर्म से,पलता है उजियारll मर्यादा का आचरण,करे विजय-उदघोष।कितना भी सामर्थ्य पर,खोना ना तुम होशll लंकापति मद में भरा,करता था अभिमान।तभी हुआ सम्पूर्ण कुल,का देखो अवसानll विजयादशमी पर्व नित,देता यह संदेश।विनत भाव से जो रहे,उसका सारा देशll निज गरिमा को त्यागकर,रावण बना असंत।इसीलिए असमय हुआ,उस … Read more

सचमुच में थे प्रखर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************** काव्य-चेतना के धनी,किया सृजित साहित्य।सचमुच में तुम थे प्रखर,चमके बन आदित्य॥ कविताओं में जोश था,भरी प्रबल हुंकार।हर कृति में उत्कृष्टता,नीति,मूल्य से प्यार॥ युग को रोशन कर दिया,बनकर के वरदान।इसीलिए तो लेखनी,ने पाया सम्मान॥ हर रचना में था भरा,ओज और आवेग।देशभक्ति मुखरित हुई,वंदनीय संवेग॥ कालजयी साहित्य रच,फैलाया आलोक।हर रचना ने कर … Read more

हिंदी के बढ़ते चरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* हिंदी का यशगान हो,हिंदी का सम्मान। हिंदी का गुणगान हो,हिंदी का उत्थानll१४ सितम्बर १९४९ को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया और सन १९५० में सविधान के अनुच्छेद ३४३ (१) द्वारा हिंदी की देवनागरी लिपि को राजभाषा का दर्जा दिया गयाl हिंदी … Read more

आशा में ही मंज़िल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************************* जब इंसाँ मायूस हो,बस तब होती हार।वरना हरदम ही मिले,विजयश्री उपहार॥ आशा मन का भाव है,रखना इसको साथ।तब ही निश्चित आयगी,सदा सफलता हाथ॥ परचम फहरा आस का,ले तू जग को जीत।बने सफलता नित्य ही,प्रिय तेरी तब मीत॥ आशा है तो आत्मबल,आशा से विश्वास।आशा से संसार है,आशा से है आस॥ फहराता … Read more

शिक्षक-वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. वंदन है,नित अभिनंदन है,हे शिक्षक जी तेरा।फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा॥ भटक रहा था भ्रम के पथ पर,राह दिखाई मुझको…गहन तिमिर को परे हटाया,नमन् करूं मैं तुझको। आशाओं के सावन में है अरमानों का डेरा।शीश झुकाऊं हे परमेश्वर,भाग्य मिरा यूँ फेरा॥ मायूसी से मुझे निकाला,कर … Read more

सम्मान भी होता बुढ़ापा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************************* गुज़रा ज़माना नहीं,वर्तमान भी होता है बुढ़ापा,सचमुच में चाहतें,अरमान भी होता है बुढ़ापा। केवल पीड़ा,उपेक्षा,दर्द,ग़म ही नहीं,असीमित,अथाह सम्मान भी होता है बुढ़ापा। ज़िन्दगीभर के समेटे हुए क़ीमती अनुभव,गौरव से तना हुआ आसमान भी होता है बुढ़ापा। पद,हैसियत,दौलत,रुतबा था भले ही,पर सहज-सरल,मधुर,आसान भी होता है बुढ़ापा। बेटा-बहू,बेटी-दामाद,नाती-पोतों के संग,समृध्द,उन्नत ख़ानदान भी … Read more

रोटी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** रोटी की महिमा बड़ी,रोटी तो है ताप।रोटी तो वरदान है,रोटी तो है शाप॥ रोटी सचमुच है ख़ुदा,रोटी है संसार।रोटी से आनंद है,रोटी से ही सार॥ रोटी से हर पुण्य है,रोटी से सद्कर्म।रोटी तो ईमान है,रोटी तो है धर्म॥ रोटी इक तस्वीर है,रोटी है तक़दीर।रोटी की ख़ातिर झुके,महाबली औ ‘वीर॥ रोटी … Read more