हम सब एक हैं
सिंपल गुप्ता रोहतास (बिहार) ***************************************************************** हम सब हैं फूलों की माला, एक फुलवारी से आए हैं हमको बाँटा है जिसने, वह मानव ही कहलाए हैं। एक हमारी धरती सबकी, जिस मिट्टी में जन्मे हैं एक माँ का आँचल सबका, ममता पाकर पले-बढ़े हैं। सूरज एक हमारा जिसकी, किरणें उर की कली खिलाती मिली भी एक … Read more