आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* `आत्मजा` खंडकाव्य अध्याय-२१………. विदा अतिथि को कर कर्नल ने, अंशुमान को निकट बुलाया बोले,-बेटा मुझे बता क्यों, विजातीय यह रिश्ता आया। क्या है तेरा परिचय उनसे, क्या तुझसे रखते आशाएँ क्या न जानते वे आतीं जो, ऐसे रिश्तों में बाधाएँl सामाजिक कानून स्वयं में, सामाजिकता के हैं रोड़े होता सदा दंड … Read more