भोपाल (मध्यप्रदेश)
काव्य संग्रह हम और तुम से

दो दिलों का मधुर संगीत से ओत-प्रोत तराना,
इनकी खुशबू से मनमुग्ध है सारा फ़साना।
हमसे शुरू होकर तुम पर खत्म होती इनकी सृष्टि,
इसमें है जीवन की सबसे सुंदर,अद्भुत रूप की वृष्टि।
दो आत्माओं के सफर को एक माला में पिरोया,
जीवन के सौंदर्य के सभी चलचित्रों का दर्शन कराया।
हम-तुम हैं परस्पर पूरक एक-दूसरे के,
एक के बिन दूजा औऱ दूजे के बिन एक के अधूरे से।
ये हैं प्रेम की कहानी के श्रेष्ठ कलाकार,
आने वाले उतार-चढ़ाव को जी कर किया साकार।
इस संघर्ष में कई ने कसौटियों को जीता,
तो अनेक हार कर भी बने विजेता।
‘हम-तुम’ इस धरा पर है अटल प्रमाण,
जिनमें जीवंत सबसे सटीक है राधाकृष्ण॥
परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है।