बबिता कुमावत
सीकर (राजस्थान)
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अधीर लड़की,
तेरी आँखों में
चमकती हुई चिंगारी।
तेरी मुस्कान में
छिपी हुई अधीरता,
तेरे दिल की गहराई में
छिपी हुई आग।
जो नहीं मिला तुझे
उसे पाने की चाह में,
क्यों इतनी अधीर है तू ?
क्या तू नहीं जानती ?
जीवन एक यात्रा है,
जीवन की यात्रा में
सब-कुछ मिलेगा,
तू धैर्य रख,
अधीर लड़की !
तेरे हर कदम में अधीरता है,
तेरी चाल में बेचैनी है
तू धैर्य रख, और देख,
जीवन की यात्रा में
तू क्या पाती है ?
तू सृजन की शक्ति है,
विचारों कल्पनाओं से
दुनिया को बदलती है,
अपने हुनर से
दुनिया को प्रभावित करती है।
फिर तू अधीर क्यों है ?
तू धैर्य रख।
जीवन की यात्रा में,
तुझे सब-कुछ मिलेगा॥