देश-दुनिया के बहुत सारे लोगों को ध्यान होगा कि वर्ष २०२२ के पूर्व पटना उच्च न्यायालय में पटना उच्च न्या. के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पवन कुमार भीमप्पा बजंथ्री (अब पटना उच्च न्या. के मुख्य न्यायाधीश) और पटना उच्च न्या. के अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद के बीच बहस का एक वीडियो सामाजिक मीडिया पर बहुत प्रसारित हुआ था। इसमें अधिवक्ता श्री प्रसाद द्वारा हिंदी में अपनी बात रखने पर न्यायमूर्ति अंग्रेजी में यह कह रहे थे, “आपको क्या लगता है कि जो आप हिंदी में कह रहे हैं, मैं उसे समझ सकता हूँ ?” उस पर श्री प्रसाद ने कहा था, “हजूर यही तो रोना है कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती।” यह वीडियो अभी भी कहीं न कहीं चलता हुआ दिखाई देता है।
पिछले दिनों उन्हीं न्यायमूर्ति का नया ही रूप देखने को मिला। जब श्री प्रसाद फिर अदालत में उनके सामने उपस्थित हुए तो न्यायमूर्ति ने हिंदी में उनसे कहा “कहिए आपकी क्या प्रार्थना है ?” उसके बाद भी उन्होंने अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद से जो कुछ कहा, वह केवल हिंदी में ही कहा। इस बारे में पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और जनभाषा हिंदी में न्याय के लिए संघर्षरत व प्रताड़ित इंद्रदेव प्रसाद ने बताया, “न्यायमूर्ति भीमप्पा बजंथ्री जी ने २१ सितंबर २०२५ को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली तो उन्होंने अपने स्वागत समारोह (२२ सितंबर २०२५) में अपना उद्बोधन हिंदी शब्द ‘नमस्कार’ से प्रारंभ किया। उनके न्यायालय में २२ सितंबर २५ को मेरे मुवक्किल श्रीकांत प्रसाद का एल.पी.ए सूचीबद्ध हुआ था, जिसमें उन्होंने हमसे हिंदी में बात की और जब मेरे मुवक्किल सुनील पासवान की जनहित याचिका सूचीबद्ध हुई, उसमें भी उऩ्होंने हमसे हिंदी में बात की, जो राजभाषा हिंदी का सम्मान करने का एक ऐसा उदाहरण है, जिससे लोगों को आजादी का आनंद मिल रहा है।” इसका मतलब यह है कि उन्होंने बिहार की जनभाषा, हिंदी में न्याय का महत्व समझा है और प्रयासपूर्ण ढंग से हिंदी भाषा को सीखने का प्रयास किया है। पवन कुमार भीमप्पा बजंथ्री का यह प्रयास जनहित की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण और अत्यंत सराहनीय है। देश के अन्य न्यायालय जहां अन्य न्यायमूर्ति, जो वहाँ की भाषा नहीं जानते, उनके लिए भी यह एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनका यह कार्य और भाषा सीखकर बोलने का प्रयास प्रेरणास्पद है।
जनभाषा में न्याय के समर्थक और भारतीय भाषाओं को देश की व्यवस्था में स्थापित करने वाले सभी कार्यकर्ताओं की ओर से ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ मुख्य न्यायाधीश का अभिनन्दनकरता है।
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन मुम्बई)