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असफल दिल की दास्तानें सिद्धेश्वर की ग़ज़लों में बेहद खूबसूरत ढंग से अभिव्यक्त

लखनऊ (उप्र)।

प्रेम में सफल और असफल दिल की दास्तानें सिद्धेश्वर की ग़ज़लों में बेहद खूबसूरत ढंग से अभिव्यक्त हुई हैं। पुस्तक में दीक्षित दिनकौरी, अनिरुद्ध सिंह, रमेश कँवल, रेखा भारती मिश्रा और प्रेम किरण जैसे ख्यात शायरों ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए हैं। निःसंदेह यह पुस्तक प्रभावशाली है।
यह विचार अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वास लखनवी ने व्यक्त किए। अवसर बना लखनऊ में लेखक ‘सिद्धेश्वर की ग़ज़लें’ पुस्तक के विमोचन का। विमोचन वरिष्ठ शायर कृपाशंकर श्रीवास्तव ‘विश्वास लखनवी’, भूपेंद्र सिंह ‘होश’ तथा व सत्येंद्र तिवारी के द्वारा कवि संजय ‘सागर’ एवं कवयित्री रश्मि ‘लहर’ के निवास पर किया गया। शुभारंभ कवयित्री सुष्मिता सिंह की मधुर वाणी-वंदना से हुआ।
प्रसिद्ध शायर भूपेंद्र सिंह होश ने कहा कि सिद्धेश्वर साहित्य की विविध विधाओं के सफल कवि एवं कथाकार हैं। उनकी श्रृंगारिक अनुपम गजलें प्रेम की एक नई परिभाषा गढ़ती हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी सशक्त पहचान बनाने वाले सिद्धेश्वर की ग़ज़लों में चित्रात्मक अभिव्यक्ति हृदयस्पर्शी है, और पाठकों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह सफल है।
इस अवसर पर समीक्षा-गोष्ठी का संचालन रश्मि ‘लहर’ ने करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पहचान बनाने वाले सिद्धेश्वर नए-पुराने रचनाकारों को एक मंच पर लाने का निरंतर सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। कवयित्री सुष्मिता सिंह ने इस अवसर पर सिद्धेश्वर की चुनिंदा ग़ज़लों का भावपूर्ण पाठ किया।

मुख्य अतिथि शायर सिद्धेश्वर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नौकरी से अवकाश प्राप्ति के बाद ग़ज़ल की ओर मेरा आकर्षण बढ़ा। मेरी ग़ज़लों से प्रभावित होकर लखनऊ की शायरा मंजू सक्सेना ने उन्हें संपादित कर पुस्तक रूप में प्रस्तुत किया है, जिसके लिए मैं उनका ऋणी हूँ।दूसरे सत्र में कवयित्री सुश्री कीर्ति, सुष्मिता सिंह, संजय ‘सागर’, रश्मि ‘लहर’, भूपेंद्र सिंह ‘होश’ और अलका अस्थाना आदि ने अपनी रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया।