दीप्ति खरे
मंडला (मध्यप्रदेश)
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इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का।
उजियारा जिसकी किरणों का,
तम हरे सबके मन का
इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का…।
दूर हो अंधियारा दुखों का,
उजियारा फैले खुशियों का
इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का…।
तिमिर दूर हो कलुष भेद का,
आशाओं की हो रोशनी
इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का…।
खोए हुए रिश्तों का,
पथ प्रशस्त जो करे
इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का…।
मानवता से रोशन हो जाए मन,
संवेदनाओं की आभा बिखरे।
इस दिवाली पर जलाएं,
इक दीया उम्मीद का…॥