कुल पृष्ठ दर्शन : 163

कर्त्तव्य निभाना है

सविता सिंह दास सवि
तेजपुर(असम)

*************************************************************************

कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….

घर की दहलीज़ पर
कदम ठिठक गए,
अर्धागिनी मेरी
परछाई मेरी,
खड़ी थी,मौन।

कई सवाल होंठों पे लिये
घुटनों को जकड़े,
बच्चे मेरे ‘ना जाओ पापा!’
कहकर बिलखते हुए।

बुलावा था मेरे देश का
तय था मेरा जाना,
घर को छोड़कर
था किसी अनजान जगह को अपनाना।

अब संभालो प्रिये तुम
परिवार की ज़िम्मेदारी,
बनना है मुझे अब देश का प्रहरी।

जाने कहाँ रहूंगा मैं तैनात
जाने कब होगी तुमसे मुलाकात,
तन-मन सब समर्पण
मेरी मातृभूमि को,
याद रखना हर जनम में
मेरी आत्मा सौंपूंगा तुम्हीं को।

जब भी जन्म हो मेरा
भारत माँ का लाल बनूँ,
त्याग और सेवा का उपकरण
बेमिसाल बनूँ।

जाने किस पुण्य का
यह वर मैंने पाया है,
भारत माँ की सेवा का
यह अवसर मैंने पाया है।

मौत इक दिन सबको आनी है
मुझे तो बस कर्त्तव्य निभाना हैl
तिरंगा मेरी शान बने बस,
कफ़न में किसको आना है॥

परिचय-सवितासिंह दास का साहित्यिक उपनाम `सवि` हैl जन्म ६ अगस्त १९७७ को असम स्थित तेज़पुर में हुआ हैl वर्तमान में तेजपुर(जिला-शोणितपुर,असम)में ही बसी हुई हैंl असम प्रदेश की सवि ने स्नातक(दर्शनशास्त्र),बी. एड., स्नातकोत्तर(हिंदी) और डी.एल.एड. की शिक्षा प्राप्त की हैl आपका कार्यक्षेत्र सरकारी विद्यालय में शिक्षिका का है। लेखन विधा-काव्य है,जबकि हिंदी,अंग्रेज़ी,असमिया और बंगाली भाषा का ज्ञान हैl रचनाओं का प्रकाशन पत्र-पत्रिकाओं में जारी हैl इनको प्राप्त सम्मान में काव्य रंगोली साहित्य भूषण-२०१८ प्रमुख हैl श्रीमती दास की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा का प्रचार करना है। आपकी रुचि-पढ़ाने, समाजसेवा एवं साहित्य में हैl

Comments are closed.