हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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शरदपूर्णिमा की रात,
खीर प्रसादी में अमृत की बूँदें
धीरे-धीरे गिर रही,
अमृत मिले ना मिले
हम अपना कर्म करते जाएँ।
सकारात्मकता का उत्सव है,
शरद पूर्णिमा का यह
राधा-कृष्ण रास करते,
खीर खाते सब साथ
हम अपना कर्म करते जाएँ।
सुख-दु:ख में साथ नहीं छूटे,
राधा-कृष्ण का सदा बना रहे आशीर्वाद
शरद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में,
संकल्प लें आज
हम अपना कर्म करते जाएँ।
खीर रखें हम चाँदनी रात में,
वह प्रसाद बन जाती है
शरद पूर्णिमा में चाँद की किरणें,
हमें सकारात्मक ऊर्जा दे जाती है।
पर उसके लिए प्रयास तो करना ही चाहिए,
हम अपना कर्म करते जाएँ॥