डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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कह कर सोचना,
सोच कर कहना
व्यक्तित्व बदल देता है-
व्यक्ति का।
जीत कर हारना,
हार कर जीतना
हौसला बदल देता है-
ज़िंदगी का।
चल कर रुकना,
रुक कर चलना
रास्ता बदल देता है-
राही का।
हँस कर रोना,
रो कर हँसना
मिज़ाज बदल देता है-
चेहरे का।
प्यार में डूब जाना,
डूब कर प्यार करना
रंग बदल देता है-
इश्क़ का।
जी कर मरना और,
मर कर जीना
मतलब बदल देता है-
जीने का।
खोकर पाना और,
पाकर खोना।
नसीब बदल देता है,
इंसान का॥
