डॉ. सुनीता श्रीवास्तव
इंदौर (मध्यप्रदेश)
***************************************
“अब जाकर घर आ रही है…!! तुम्हारे कारण माॅं चल बसी, एक भी फोन नहीं उठाया तुमने ?”- उत्तम (राशि का पति) भरी भीड़ में सबके सामने राशि पर भड़क उठा!
राशि अस्पताल में चिकित्सक है, पति का ग़ुस्सा और सासू माॅं की मृत्यु का समाचार सुनकर राशि अवाक रह गई…। इस वक्त कुछ न बोलना ही उचित समझते हुए वो चुपचाप अंदर चली गई। अंदर का सारा दृश्य देखकर वो और भी स्तब्ध रह गई…!
उसके मायके वाले भी आ चुके थे, और उसे कुछ खबर ही नहीं ? जब अंदर जा कर अपना फोन निकाला तो देखा उसमें अनगिनत मिस कॉल थे। कॉल देख उसे पछतावा तो हो रहा था…, पर रात को अचानक यातायात दुर्घटना के कारण आपातकालीन केस आने से रातभर नींद त्याग कर घायलों के उपचार करने के बाद थक कर वो सुबह ५ बजे घर को रवाना हुई।
अस्पताल में ही मोबाइल की बैटरी खत्म होने से वह फोन नहीं उठा पाई।
और यह सारा सिलसिला राशि ने अपनी बहन को बताते हुए पूछा-“उत्तम ने माँ की मृत्यु का दोषी मुझे क्यों ठहराया ?”
वह बोली-“डॉक्टर ने बताया कि, माँ को रात में दवाई नहीं मिली, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। जब सभी ने पूछा कि दवाई क्यों नहीं दी गई ?, तो उत्तम ने कहा-“यह राशि का काम था, पर वह तो रातभर अपने डॉक्टर सहकर्मियों के साथ गपशप कर रही होगी!”
अपनी बहन की यह बात सुन राशि की आँखें अश्रुओं से नम हो चुकी थी, मन ही मन दु:ख और पीड़ा से सोचने लगी-माँ की देखभाल पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, लेकिन उत्तम ने तो यह जिम्मेदारी केवल मुझ पर डाल दी… कितना कायर है उत्तम ? उसे क्या पता, मैं अभी कितने यात्रियों की जान बचाकर आई हूँ…!
परिचय-इंदौर (मप्र) निवासी डॉ. सुनीता श्रीवास्तव ने बी.-एससी. (वनस्पति विज्ञान-प्राणी विज्ञान), एमएसससी (रसायन शास्त्र), बी.एड. सहित पीएच.-डी. (हिन्दी साहित्य) एवं पत्रकारिता (डिप्लोमा) की शिक्षा प्राप्त की है। आप ‘शुभ संकल्प’ समूह की निर्देशिका, संस्थापक और सम्पादक हैं।
कई समाचार पत्रों में अनेक पदों पर १८ साल की पत्रकारिता की अनुभवी डॉ. श्रीवास्तव २ विद्यालय में जीवविज्ञान, एप्लाइड केमिस्ट्री और हिंदी साहित्य का अध्ययन कराने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में ८ साल का अनुभव रखती हैं। इनकी कई पुस्तक प्रकाशित हुई हैं, जिसमें प्रमुख-‘चिन्मय, बस्ती का दर्द, यथार्थ चित्रण, यथार्थ पीड़ा, उड़ान, शुभ संकल्प, चाह, सत्यमेव-जयते, दर्द व कसौटी’ हैं। देश-विदेश के कई साझा संकलन, पत्र- पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में आपकी कविता, आलेख व कहानी आदि प्रकाशित हैं। आपको कई सम्मान और श्रेष्ठ पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल द्वारा विशेष सम्मान, ‘चिन्मय’ में कहानी ‘बूढ़ा बचपन’ के लिए सृजन ऑस्ट्रेलिया ग्लोबल द्वारा ‘अंतराष्ट्रीय सृजन ऑस्ट्रेलिया पुरस्कार’ (२०१३), ‘ग्लोबल एक्सेलिंसी (जयपुर) अवार्ड- २०२३’, हिन्दी साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने हेतु नेपाली राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से ‘अंतराष्ट्रीय भारत-नेपाल साहित्य रत्न सम्मान-२०१९’, नेशनल आर्ट्स एंड कॉमर्स यूनिवर्सिटी (श्रीलंका), वामा साहित्य मंच द्वारा काव्य पाठ हेतु, इंदौर लेखिका संघ, साहित्य रत्न पुरस्कार-२०२४, पद्मश्री मालती जोशी द्वारा २०१८ में, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शरद पगारे द्वारा कहानी ‘नई सोच’ की नाटक प्रस्तुति के लिए, कविता विधा में विशेष योगदान हेतु महात्मा गांधी काव्य संसद द्वारा ३ बार, पद्मश्री जनक पलटा द्वारा और महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई संस्थाओं आदि से सम्मानित किया गया है। आपकी विशिष्ट उपलब्धि देखें तो ‘इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल’ में वक्तव्य, ५ देशों में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी का आयोजन, काठमांडू में अंतर्रा. साहित्य संगोष्ठी (नेपाल से ५५० से अधिक साहित्यकार सम्मिलित), दुबई में शुभ संकल्प द्वारा प्रवासी भारतीय साहित्यकारों की काव्य-गोष्ठी-सम्मान समारोह तथा श्रीलंका में अंतराष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी व इंडोनेशिया में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आदि आयोजित करना है। ऐसे ही ५०० से अधिक आभासी एवं १०० से अधिक ऑनलाइन स्पर्धा भी करवाई हैं। सामाजिक व साहित्यिक सेवा के अंतर्गत आप समूह द्वारा जरूरतमंद बच्चों को हिंदी साहित्य की पुस्तकें नि:शुल्क भेंट कर चुकी हैं तो पुस्तकें भी प्रकाशित करवाई। प्रतिवर्ष प्रशंसनीय महिलाओं को ‘गौरव रत्न सम्मान’ तथा ‘महिला शक्ति सम्मान’ से सम्मानित भी करती हैं।