कुल पृष्ठ दर्शन : 38

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए

सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
***********************************************

क्या सबसे अच्छी दोस्त…? (‘विश्व पुस्तक दिवस’ विशेष)…

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
पुस्तक आशावान बनाए
आन-बान-सम्मान दिलाए,
सच्ची सखी, जीना सिखाए
अंत:सह बाह्य स्थिति सुझाए।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
पुस्तक आदर्शवादी बनाए
राह दिखा विवेकी बनाए,
श्रेष्ठ, सार्थक जीवन बनाए
राग, द्वेष, घृणा, दर्प मिटाए।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
लगाएं प्रीत, मीत बनाएं
रिष,‌ चिंता, निराशा भगाएं,
हमदर्दी, हमराही बनाएं
लौकिक मोह-माया भुलाएं।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
वेद-पुराण-उपनिषद समाए
त्रिलोकी-त्रिभुवन, विधि समाए,
‌शोभा श्री पीयूष समाए
कल्प-शोध, शास्त्र समाए।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
पारिवारिक मूल्य पढ़ाए
सैद्धांतिक मूल्य सिखाए,
सर्व-धर्म-सद्भाव पढ़ाए
राष्ट्रप्रेम, बलिदान सिखाए।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
पुरुषार्थी, कर्मठ बनाए
कुपथ से नीति-मार्ग बनाए,
पुण्य-भक्तिमय मार्ग सिखाए
आह्लादित, मधुर-धुन सुनाए।

पुस्तक सामर्थ्य वान बनाए,
पल, सदुपयोग श्रेष्ठ बनाए
दमन, ‘यम-नियम, सार’ सिखाए,
कुंजी, आत्म-मंथन सुझाए
‘निज परवेति’ भेद मिटाए।

पुस्तक सामर्थ्यवान बनाए,
पुस्तक, परम-शुभता दिखाए
ऐश्वर्य, कीर्ति, विभव दिखाए,
रूढ़ि-बुराई, रीत भगाए
अज्ञानी-से-ज्ञानी बनाए।

पुस्तक सामर्थ्य वान बनाए,
निराशा भगाए, आस जगाए
मर्यादा-संस्कार जगाए।
पुस्तक महत्ता “क्या मैं सुनाऊं ?”
‘सागर गहरी शक्ति’ समाए॥

परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।