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प्राधिकरण द्वारा संघ की राजभाषा नीति का खुला उल्लंघन

सेवा में,
संयुक्त सचिव
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
एनडीसीसी-II भवन, ‘बी’ विंग, चौथा तल, जय सिंह रोड, नई दिल्ली – ११०००१
ई-मेल : jsol@nic.in

विषय:-पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा राजभाषा हिंदी के अनुपालन में विफलता की शिकायत।

महोदय,

सादर निवेदन है कि मैं पत्र के माध्यम से पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा राजभाषा नीति और हिंदी भाषा के अनुपालन में लगातार हो रही अनदेखी एवं लापरवाही के विषय में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करता हूँ।
◾पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर अधिकांश सामग्री अंग्रेजी में उपलब्ध है। राजभाषा अधिनियम १९६३ की धारा ३(३) का लगातार उललंघन किया जा रहा है। सभी नियम, सूचना, विज्ञप्ति, निविदा, भर्ती, परिपत्र आदि पूर्ण रूप से केवल अंग्रेजी भाषा में अपलोड किए गए हैं।
◾कार्यक्रमों, संगोष्ठियों एवं बैठकों के बैनर, पोस्टर, अतिथि नाम-पट्ट आदि अधिकतर अंग्रेजी में ही बनाए जाते हैं। हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी नाम-पट्ट अब तक पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं, जबकि हिंदी का प्रयोग अंग्रेजी से पूर्व होना अनिवार्य है।
◾पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण और नई पेंशन योजना दोनों के प्रतीक केवल अंग्रेजी में बनाए गए हैं।
◾निवेशकों को जारी किए जाने वाले कार्ड तथा अन्य दस्तावेजों में हिंदी भाषा का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
◾नई पेंशन प्रणाली में शिकायत या सहायता हेतु अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता बनी हुई है, जो हिंदी भाषी निवेशकों के लिए असुविधाजनक एवं अनुचित है। वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी पोर्टल जैसे https://www.pensionsanchay.org.in/ केवल अंग्रेजी में बनाए गए हैं, ताकि इन योजनाओं का लाभ केवल अंग्रेजी जानने वाले लोग ही उठा सकें और अंग्रेजी न जानने वाले नागरिक परेशान होते रहें, यह भयंकर प्रकार का भाषाई भेदभाव है।
अतः, आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त विषयों की गंभीरता से जांच करके राजभाषा नियमों के घोर उल्लंघन को समाप्त किया जाए तथा हिंदी भाषा के व्यावहारिक और प्रभावी प्रयोग हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें।

धन्यवाद।

भवदीय,
विपुल कुमार जैन
दमोह (मध्य प्रदेश)

प्रतिलिपि :-
•माननीय गृह मंत्री, भारत सरकार
•सचिव, राजभाषा विभाग, भारत सरकार
•सचिव, संसदीय राजभाषा समिति

(सौजन्य:वैश्विक हिन्दी सम्मेलन, मुम्बई)