सम्मान…
नई दिल्ली।
लेखक शब्दों के कारीगर होते हैं और हमारे देश की भाषाई विविधता को बचाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह विविधता ही हमारी राष्ट्रीय पहचान भी है और इसको बनाए और बचाए रखना भी जरूरी है।
मुख्य अतिथि के रूप में संक्षिप्त वक्तव्य देते हुए यह बात प्रख्यात नाटककार महेश दत्तानी ने कही। अवसर रहा साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव २०२५ के निमित्त कमानी सभागार में साहित्य अकादमी पुरस्कार २०२४ के विजेताओं को सम्मानित किए जाने का, जिसकी अध्यक्षता अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने की। समापन वक्तव्य अकादमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने प्रस्तुत किया।
माधव कौशिक ने कहा कि हमें अकादमी के ७० वर्ष के इतिहास पर गर्व करना चाहिए। किसी भी देश की पहचान भाषाई विविधता को यहाँ संपूर्ण एकता के रूप में देखा जा सकता है। साहित्यकार को हमारे यहाँ प्रजापति कहने की परंपरा है क्योंकि वह समांतर संसार की रचना करता है।
स्वागत वक्तव्य में अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि हर पुरस्कार लेखक को ताकत देता है और एक बड़े पाठक समाज से जोड़ता है। इस समारोह में २२ साहित्यकारों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार अर्पण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत राकेश चौरसिया का बांसुरी वादन प्रस्तुत किया गया।