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माँ कूष्माण्डा करें उद्धार

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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माँ कूष्माण्डा चौथा रूप,
सृष्टि रचे हास्य रूप
सूर्यलोक की निवासी,
जीवों का उद्धार है।

स्वर्ण प्रभामय देवी,
दशम दिशाएं सेवी
अष्टभुजा आलौकित,
आयुध श्रंगार है।

आधि, व्याधि माँ हरती,
बल, आयु, यश देती
अष्टसिद्धि, नवनिधि,
देती उपहार है।

कूष्माण्डा को पेठा प्रिय,
निशंक बनता हिय
पूजो सिंह राशि वालों,
माँ का उपकार है।