सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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स्कंदमाता है करुणा की मूरत,
सिंहवाहिनी, शुभ्र वर्णी सूरत
कमलपुष्प पर पार्वती विराजे,
गोद में कार्तिकेय स्वामी साजे।
अद्भुत दिव्य आभा, चतुर्भुज,
ज्ञानपुंज, शौर्य प्रतीक तनुज।
दो हाथों में कमल को थामती,
अभय मुद्रा से आशीष वारती।
पंचम दुर्गा वात्सल्य की कृति,
उपासकों को देती गति-मति
माँ शक्ति स्त्रोत, दया की सागर,
संतति सुख देती बात उजागर।
कृपा पाने को करें मन से अर्चन,
मिटते दुख, जब हो जाए दर्शन
जग धात्री स्कंदमाता को ध्याएं,
बुद्धि, विवेक, ज्ञान प्रकाश पाए।
माँ सकल कष्ट, गृह क्लेश हरती,
समृद्धि देकर खुशहाल करती।
माई शरण में ले लो, दे दो सहारे,
वरदानी अम्बे भव सागर से तारे॥