संजय वर्मा ‘दृष्टि’
मनावर (मध्यप्रदेश)
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चौड़े सीने वाले,
मेरे मर्यादा पुरुषोत्तम राम।
लम्बी भुजाएं, तरकश टांगे,
चले थे चौदह वर्ष वन के धाम।
खड़ाऊ पहन कर वन घूमे,
छोड़ राज अयोध्या का, श्री राम।
किया वध राक्षसों का,
केवट को दिया था मान।
सुंदर छवि के दाता हैं,
कानों में कुंडल पहने मेरे श्री राम॥