कुल पृष्ठ दर्शन : 44

रेशम का धागा

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
**************************************

रक्षाबंधन विशेष….

बहना का प्यार भाई का दुलार,
आया देखो राखी का त्यौहार
भाई की कलाई बहना की राखी,
देखो कैसी सुंदरता लिए इतराई।

ये धागा नहीं राखी ये बहना का,
प्यार है, अटूट एक विश्वास है
भाई का आशीर्वाद नहीं
जिम्मेदारी है, जज़्बात है।

जो पूरी जिंदगी बहना की,
रक्षा का जिम्मा लेता है भाई
आरती उतारती हुई भाई के,
लिए बहुत दुआएँ करती है।

कलाई पर राखी बांधकर,
बहना भाई से उपहार पाती है
और मिठाई खिलाकर इस,
क्रिया को पूरा करती है।

भाई खुशी-खुशी मिठाई खाता है,
बहना सबको मिठाई खिलाती है
घर-घर में माहौल बदलता है,
भाई खुशहाली बरसाता है।

राखी का त्यौहार हर्ष-उल्लास लाता है,
राखी का त्यौहार सुंदरता का उपहार है।
बहिन-भाई के प्यार की डोर को,
रिश्ते को मजबूत बनाता है॥