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वंदन माटी का

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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वंदन माटी का करूँ, जन्म मिले हर बार।
देह समर्पण देश हित, हो मेरे करतार॥
हो मेरे करतार, समर्पण सब कुछ मेरे।
जीवन के दिन चार, रहूँ चरणों में तेरे॥
कहे ‘विनायक राज’, लगाऊँ माटी चंदन।
देश भक्ति की चाह, करूँ मैं इसको वंदन॥