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शिक्षक कितना महान

ममता बैरागी
धार(मध्यप्रदेश)

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शिक्षक दिवस विशेष………………
शिक्षक कितना महान,
देख तेरी हस्ती को,तू पहचान।
नन्हें-नन्हें बच्चों को किस तरह
सिखाता है,
जीवन पथ पर किस तरह चलना बतलाता है,
अपने-आप में रखकर स्वाभिमान
पढ़ा कर औरों का बना तू जीवन।
सबसे अच्छा,सबसे प्यारा,
यह तेरा कर्म है,
इतने पदों पर जा बैठते,वही तेरा धर्म है।
मानें तुझे या भूल जाए,मत बतला अहसान,
केवल चाणक्य बनकर बना चन्द्रगुप्त महान।
आज सबने मिलकर छवि तेरी बिगाड़ी है,
लाचार-सा रहकर तू सहम-सा जाता है,
पर याद यह रख तेरी प्यारी यहां अलग ही शान
और हर वक्त तेरे हाथों बनता है जीवन।
आज सिर उठा ही ले,अपने-आप में चल दे,
चाहे जिसे जो सोचना,तू नेक नागरिक दे दे।
संस्कारों से पूज लेंगे,लेंगे तेरा नाम,
और उस दिन सभी होंगे तुझ पर मेहरबान​
याद रख,शिक्षक तू कितना महान॥

परिचय-ममता बैरागी का निवास मध्यप्रदेश के धार जिले में है। आपकी जन्‍म तारीख ९ अप्रैल १९७० है। श्रीमती बैरागी को हिन्‍दी भाषा का ज्ञान है। एम.ए.(हिन्‍दी) एवं बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करके कार्य क्षेत्र-शिक्षण(सहायक शिक्षक ) को बनाया हुआ है। सामाजिक गतिविधि-लेखन से जागरूक करती हैं। संग्रह(पुस्‍तक)में आपके नाम-स्‍कूल चलें हम,बालिका शिक्षा समाज,आरंभिक शिक्षा और पतझड़ के फूल आदि हैं। लेखनी का उदेश्‍य-समाज में जागरूकता लाना है। आपके लिए प्रेरणापुंज- पिता तथा भाई हैं। आपकी रुचि लेखन में है।