सिरसा (हरियाणा)।
सिरसा में प्रादेशिक लघुकथा मंच द्वारा हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें पूरे देश से लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर उपस्थित हुए। मुख्य अतिथि डॉ. रामकुमार घोटड़ रहे।
मंच के संरक्षक प्रो. रूप देवगुण, संयोजक डॉ. शील कौशिक, सह संयोजक हरीश सेठी ‘झिलमिल’ एवं डॉ. आरती बंसल ने इस आयोजन से लघुकथा के विकास एवं इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ा।
आयोजन में पटना से डॉ. सिद्धेश्वर, महाराष्ट्र से प्रो. ऋचा शर्मा, जगदीश राय कुलरियाँ एवं रोहतक से श्रीमती आशा खत्री ‘लता’ को लघुकथा के विकास एवं सम्वर्द्धन में महत्वपूर्ण योगदान हेतु सम्मानित किया गया। माता प्रसाद शुक्ल सहित ८ लघुकथाकारों को ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ तथा श्री सेठी व डॉ. बंसल को ‘लघुकथा सम्पादन सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। उपस्थित लघुकथाकारों ने लघुकथा का पाठ किया, जिनकी समीक्षा सम्पादक व प्रबुद्ध साहित्यकार योगराज प्रभाकर एवं डॉ. सिद्धेश्वर ने की।प्रस्तुत रचनाओं के बारे में विचार प्रकट हुए तो लघुकथा के मानकों विषयक ज्ञानवर्धक मत उभर कर आए। श्रीमती खत्री ने ‘मुस्कुरा मत यार’ लघुकथा का पाठ किया। मुख्य अतिथि डॉ. घोटड़ ने श्रीमती खत्री को २ पुस्तक, २ लघुकथा संग्रह श्री प्रभाकर तथा १ काव्य-संग्रह प्रवीण पारीक अंशु ने भेंट किया। कार्यक्रम में ज्ञानप्रकाश पीयूष, सुरेश वर्णवाल, जनकराज शर्मा, डॉ. तेजेन्द्र आदि साहित्यकारों की उपस्थिति रही।