अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘स्कंदमाता’,
पाँचवा रूप
ममता की मूरत,
स्नेह सागर
बरसाए।
‘स्कंदमाता’,
भरे उजियारा
गोद में स्कन्द,
मिले आशीर्वाद
सु-फल।
‘स्कंदमाता’,
प्रतीक वीरता
सिंह पर आरूढ़,
है महान
वैभवी।
‘स्कंदमाता’,
करो भक्ति
माँ देगी शक्ति,
कृपा दायिनी
दर्शन।
‘स्कंदमाता’,
सुख-शांति
चरणों में मिलता।
सारा जहान,
सुखी॥