इंदौर (मप्र)।
विश्वभर में सबको जोड़ने के लिए कड़ी बनी हुई मातृभाषा हिन्दी को और लोकप्रिय बनाने के अभियान में हिन्दीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धा कराई जा रही है। इसी श्रृंखला में ‘कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?’ विषय पर ९९ वीं स्पर्धा में गद्य में प्रथम विजेता बनने का अवसर राधा गोयल एवं पद्य में डॉ. कुमारी कुन्दन को मिला है।
यह परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने सभी को बधाई दी है। श्रीमती जैन ने बताया कि, प्राप्त रचनाओं में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में आलेख ‘दिल में दरवाजे बनाएं, दीवारें कभी नहीं’ के लिए राधा गोयल (दिल्ली) को प्रथम विजेता घोषित किया है, तो द्वितीय स्थान पर ‘रिश्तों को लीलता खोखला स्वाभिमान’ आलेख हेतु ऋचा गिरि (दिल्ली) विजेता चयनित हुई हैं। इसी प्रकार ‘मौन में घुट रहा प्रेम’ आलेख रच कर पदमा अग्रवाल (कर्नाटक) ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
आपने बताया कि मंच संयोजक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं एवं सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है। श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त १.५५ करोड़ १० हजार दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और १० सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में पहला स्थान ‘एकांकी अब जीवन गाथा’ कविता पर डॉ. कुमारी कुन्दन (पटना, बिहार) को मिला है। इसी वर्ग में ‘आओ फिर से प्रेम की डोर में’ हेतु डॉ. रचना पांडे दूसरे क्रम की (छ्ग) एवं ‘प्रेम में अब भी फ़रिश्ते हैं’ पर तीसरे क्रम के विजेता संजय सिंह ‘चन्दन’ (झारखण्ड) चुने गए हैं।