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स्वतंत्रता दिवस को किया देशभक्ति की उत्कृष्ट रचनाओं से सार्थक

हैदराबाद/दिल्ली।

साहित्यिक संस्था ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने स्वतंत्रता दिवस के पुनीत अवसर पर राष्ट्र के महावीरों को नमन करते हुए बहुभाषी कवि सम्मेलन का आभासी आयोजन किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अहिल्या मिश्र की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में भारत से ३० कवियों ने पाठ किया।
छिंदवाड़ा से सम्मेलन में जुड़े लक्ष्मण प्रसाद डेहरिया ‘ख़ामोश’ ने कहा ‘सुभाष ने दिया था आजाद हिंद का नारा, हिंदुस्तान है हमारा हिंदुस्तान हमारा।’ चेन्नई से श्रीदेवी ने कृष्ण को स्मरण करते हुए कहा ‘हे कृष्ण पुनः अवतरण करो, बाट जोहती विकल मही, गीता के पन्ने पलट रही, कब आने की बात कही’ तो वरिष्ठ गीतकार हरीश अरोड़ा ने वीरों के बलिदान को याद करते हुए सुनाया ‘लक्ष्मीबाई की त्यागकथा, सन ५७ की वो गाथा, मंगल पांडे की हुंकारें, इन वीरों का उन्नत माथा।’ व्यंग्यकार डॉ. सरोजिनी प्रीतम ने अलग अंदाज में कहा ‘हर एक स्थिति पर मुँह बंद करते हैं, बापू मेरे देश में कैसे-कैसे संकल्प / पलते हैं’, तो वरिष्ठ कवि डॉ. शिवशंकर अवस्थी ने दुश्मन को चुनौती देते हुए कहा कि ‘उठो ऐ जवानों दुश्मन का सर झुका दो, दिल से दिल मिला कर दुश्मन का दिल हिला दो।’ मीना गुप्ता, शेखर,,
डॉ. सुदेश भाटिया, डॉ. उषा दुबे व कवयित्री शिल्पी भटनागर आदि ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आदि पर कविता सुनाई।
सम्मेलन का संचालन डॉ. अवस्थी ने किया।