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अकादमी द्वारा वर्ष २०२० के १३ अभा एवं १५ प्रादेशिक कृति पुरस्कार घोषित

भोपाल (मप्र)।

साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग (भोपाल) द्वारा अखिल भारतीय १३ एवं प्रादेशिक १५ कृति पुरस्कार वर्ष २०२० की घोषणा कर दी गई है। अखिल भारतीय में प्रति पुरस्कार १ लाख एवं प्रादेशिक में प्रति पुरस्कार ५१ हजार रुपए के साथ शाॅल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाता है।

यह जानकारी अकादमी के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने दी। आपने बताया कि अखिल भारतीय पुरस्कार में पं. माखनलाल चतुर्वेदी (निबंध)शिखर चंद जैन-हावड़ा की कृति ‘जिंदगी… न मिलेगी दोबारा’, गजानन माधव मुक्तिबोध (कहानी) डाॅ. दिनेश पाठक ‘शशि’-मथुरा की कृति ‘निरीह’, राजा वीरसिंह देव (उपन्यास)आशुतोष राणा-नरसिंहपुर की कृति ‘रामराज्य’, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना) डाॅ. शंभूसिंह ‘मनहर’-खरगोन की कृति ‘नयी कविता’ को रघुवीर सहाय का योगदान’, पं. भवानी प्रसाद मिश्र (गीत एवं हिन्दी ग़ज़ल) डाॅ. वीरेन्द्र ‘निर्झर’-बुरहानपुर की कृति ‘संघर्षों की धूप’ और अखिल भारतीय अटल बिहारी वाजपेयी (कविता) सविता दास ‘सवि’-असम की कृति ‘किनारे पर आकर…’ आदि को दिया गया है।
प्रादेशिक पुरस्कार वृन्दावन लाल वर्मा (उपन्यास) डाॅ. जय बैरागी-झाबुआ की कृति ‘दण्डकारण्य’, सुभद्रा कुमारी चौहान (कहानी) संतोष मोहन्ती ‘दीप’- इंदौर की कृति ‘छांव की तलाश में…’, श्रीकृष्ण सरल (कविता) मुरलीधर चांदनीवाला-रतलाम की कृति ‘विरासत के फूल’ एवं प्रादेशिक आचार्य नंददुलारे वाजपेयी (आलोचना) डाॅ. राजेश श्रीवास्तव-भोपाल की कृति ‘राम अयन’ आदि को दिया गया है।

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