हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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सुखी जीवन का आनंद है बसंत,
खुशबू के साथ रंग-बिरंगे फूलों को लाया है बसंत
नई कोपलों में खिलते फूलों का मौसम है बसंत,
रंगीन हो हर एक पहेलू जीवन में
उसी आंनद का नाम है बसंत।
इतराती इठलाती बलखाती, जब चलती है यह हवा
तो उस हवा की मस्ती का नाम है बसंत,
दुखों की आंधियों में गिरते पानी की इन बूँदों में
खुशमिजाज आदमी के, उल्हास का रंग-बिरंगा संसार है बसंत।
हम सभी की उम्मीदों का, नीला आकाश है बसंत
हरियाली और रास्ते का,
सुनहरे पलों का एक एहसास हैं बसंत।
सुखी जीवन का आनंद है बसंत,
उत्सव की खुशी, फूलों की खुशबू के महकते हुए
जीवन का दर्पण है बसंत
सुखी जीवन का आनंद है बसंत…॥