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कदम-कदम साथ चलना है

पायल अग्रवाल
मुजफ्फरपुर (बिहार)
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जीवन से कुछ सीखना है,
कदम-कदम साथ चलना है
नई उमंग है,
नई आशा है
आँखों में सपने लेकर,
इस नववर्ष में
साथी साथ चलना है,
चाहे शीत लहरें हो,
चाहे ओस फुहारें हो
आलस सब छोड़ना है।
दुबक कर अब नहीं रहना है,
कदम-कदम साथ चलना है॥

मेरे नन्हें कदमों से सीखो,
आगे कैसे बढ़ना है
चेहरे पर मीठी मुस्कान लिए,
आँखें खुशी से चमकना है
पूरी होगी आशा तेरी,
अपने लक्ष्य को पाना है।
अरमानों से भरना है,
कदम-कदम साथ चलना है॥

हाथ थाम छतरी लिए,
बैग उठा विद्या के लिए
संगी-साथी से मीठे बोल,
जानो तुम विद्या मोल
पाकर गुरु का आशीष,
मिलता दर्शन तब ईश
सपने पूरे होंगे तेरे,
बात मानो तुम मेरी।
अब तुझ को नहीं रुकना है,
कदम-कदम साथ चलना है॥

अपनी सफलता पाएंगे,
नया मुकाम पाएंगे
सारी बाधा तोड़ के,
मोह बंधन त्याग के
हिम्मत नहीं हारेंगे।
मुश्किल राहें चलना है,
कदम-कदम साथ चलना है॥

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